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Monday, December 25, 2017

अगर अापके घर में LPG सिलेंडर है तो इसे पढ़ लें वरना पछताएंगे

रसोई गैस वर्तमान समय में सबसे जरुरी संसाधनों में से एक है। अगर रसोई गैस ना हो तो ज्यादातर परिवार खाना बनाने में असमर्थ हो सकते है।

 इसका इस्तेमाल हमें बड़ी सावधानी से करना चाहिए क्योंकि इसके जितने फायदे है उससे अधिक ये नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बड़ी सावधानीपूर्वक करना चाहियें। 

एलपीजी क्या है ?

एलपीजी का मतलब है तरल पेट्रोलियम गैस ( Liquid Petroleum Gas ) जो कि ब्यूटेन ( Butane ) और प्रोपेन हाइड्रोकार्बन ( Propane Hydrocarbon ) का मिश्रण है। इसके अलावा कुछ तत्व और भी इसमें होते है इनमे आइसो ब्यूटेन, ब्यूटीलीन, एन-ब्यूटेन और प्रोपीलिन आदि है। इसे भरने के लिए सिलेंडरो का इस्तेमाल किया जाता है जो दबाव अनुकूलित होते है।

एलपीजी का उपयोग :

एलपीजी को घरों में खाना बनाने के लिए किया जाता है। पहले चूल्हों पर खाना बनाया जाता था उस समय लकड़ी को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता था जिससे कि बहुत परेशानी होती है। लेकिन एलपीजी के उपयोग से सारी समस्या ख़त्म हो गयी। घरों के अलावा इसका इस्तेमाल व्यवसायों संस्थानों में भी किया जाता है और विभिन्न प्रकार के औद्योगिक संस्थान भी इसका प्रयोग करते है। जिस सिलेंडर में एलपीजी गैस भरते है उसका वजन 5 किलोग्राम होता है। घरों में इस्तेमाल करने के लिए उसमे 14.2 किलोग्राम गैस भरी जाती है जिसके बाद सिलेंडर का कुल वजन 19.2 किलोग्राम हो जाता है। इसके अलावा व्यापारिक संस्थान के लिए 19 किलोग्राम से 47.5 किलोग्राम तक के सिलेंडर उपलब्ध होते है। निजी कम्पनियों द्वारा घरों में प्रयोग करने के लिए 12 किलोग्राम तक के सिलेंडर भी उपलब्ध कराये जा रहे है।

घरेलू एलपीजी का कनेक्शन लेने का तरीका :

भारत में बहुत सारी निजी कम्पनियां है जो एलपीजी के सिलेंडर उपलब्ध करवाती है। आप एल पी जी सिलिंडर का नया कनेक्शन पाने के लिए इनमे से किसी के भी अधिकृत विक्रेता से बात कर सकते है। इसके लिए जो जरुरी कागज होते है नियमों के अनुसार पुरे करके आप नया कनेक्शन ले सकते है और एलपीजी का फायदा ले सकते है।

घरेलू गैस उपलब्ध करवाने वाली कंपनियां :

इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड www.iocl.com

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड hindustanpertoleum.com

भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड ebharatgas.com

एसएचवी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड www.supergas.com

श्री शक्ति एलपीजी लिमिटेड  www.shrishakti.com

एलपीजी लगाते समय ध्यान रखें :

गैस सिलेंडर को बंद कमरे में न रखें। सिलेंडर को हमेशा खुले में या फिर ऐसे कमरे में रखे जिसमे खिड़की और दरवाजे खुले हो। सिलेंडर को जिस जगह पर रखें वहां पर इतनी जगह होने चाहिए कि प्रेशर रेगुलेटर का नॉब और रबर की ट्यूब को हिलाने में परेशानी ना हो। इसके अलावा सिलेंडर को हमेशा सीधा खड़ा रखें और उसके वाल्व को उपर की तरफ ही रखें। अगर आप इस तरह से सिलेंडर नहीं लगाते है तो इससे दुर्घटना का कारण बन सकता है। इससे एलपीजी वाल्व बाहर आ सकती है। सिलेंडर को किसी भी जगह ज़मीन के ऊपर ही लगायें इसको कहीं दबायें ना। जैसे कि पहले बताया गया है कि सिलेंडर हवादार जगह पर लगाना चाहिए अगर आप इसे कबर्ड में रखते है तो ध्यान रखें कि इसमें हवा आती जाती हो। ऐसे मेज का प्रयोग न करें जिसकी सतह लकड़ी से बनी हो। इसके अलावा सिलेंडर के पास ऐसे सामान न रखें जिनसे आग लग सकती है या शार्ट सर्किट की सम्भावना हो सकती है जैसे कि इलेक्ट्रिक ओवन और कैरोसिन स्टोव। सिलेंडर ऐसी जगह रखना चाहिए जिससे उसको धुप, बारिश, धुल व गर्मी से बचाया जा सकें। सिलेंडर खाली हो या भरा हुआ हो वाल्व को खुला न छोड़ें, साथ ही आपको सुरक्षा के लिए एक कैप लगाकर रखनी चाहिए।

उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षा सुझाव :

एलपीजी के इस्तेमाल के लिए आप जो भी सामान खरीदते है उनपर ISI /BIS  मानक का निशान अवश्य देख लें। इनमे रबड़ ट्यूब और रेग्युलेटर पर ये मार्क अवश्य होने चाहिए। इनको बाहर से न ले सिर्फ पंजीकृत विक्रेता से ही लें। ट्यूब का इस्तेमाल केवल दो साल ही करें इसके बाद इसे बदल कर नयी ट्यूब ले लें। पुरानी ट्यूब का ज्यादा समय तक इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है यह दुर्घटना का कारण बन सकती है। प्रेशर रेग्युलेटर को भी समय समय पर चेक करते रहे क्योंकि इसका काम बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह सिलेंडर वाल्व के ऊपर लगा होता है और गैस के दबाव को नियंत्रित करता है। सिलेंडर से निकलने वाली गैस को नियंत्रित करके इसी के द्वारा स्टोव तक भेजा जाता है। गैस का प्रयोग करने के बाद रेग्युलेटर के नॉब को बंद कर देना चाहिए।

गैस सिलेंडर लेते समय ध्यान देने वाली बातें :

सिलेंडर लेते समय जाँच ले कि इस पर कंपनी की सील जरुर लगी हुई हो। इसके अलावा सेफ्टी कैप की स्थिति भी सही होनी चाहिए। अगर आपको इसके प्रयोग का पता नहीं है तो स्वयं प्रयास न करें। जो सिलेंडर की डिलीवरी वाला होता है उससे इसके इस्तेमाल की विधि को जान लें उसके बाद ही इसका इस्तेमाल करें।

गैस की गंध आये तब क्या करें :

अगर आपका सिलेंडर लीक है और उसमे से गैस निकल रही है। आपको जब भी उसकी गंध आये तो डरे नहीं सबसे पहले इसके बुरे प्रभाव से बचने के लिए बिजली की लाइन को बंद कर दें। खासकर सिलेंडर के आस पास के सारे स्विच बदं कर दें। इसके बाद जाँच लें कि रेग्युलेटर बंद है या नहीं अगर वह ऑन है तो उसे बंद कर दें। गैस लीक होने से आग लग सकती है तो ऐसी कोई काम ना करें जिससे कि आग जल जाये या कोई चिंगारी उठ जायें। माचिस की तीली या धुप अगरबती कोई जल रही होतो उसे तुरंत बुझा दें। घर से सभी दरवाजे या खिड़की खोल दें ऐसा करने से गैस एक जगह नहीं रहेगी बाहर फ़ैल जाएगी और आग लगने की सम्भावना टल जाएगी। यह सब करके गैस विक्रेता के ऑफिस में फ़ोन करके इस घटना की जानकारी दें। अगर उस दिन अवकाश हो तो इमरजेंसी सेवा केंद्र को फ़ोन कर दें। इसके बाद रेग्युलेटर को हटा दें और सिलेंडर पर सुरक्षा के लिए कैप लगा दें।

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Wednesday, December 13, 2017

Whatsapp पर आ रहे हैं 6 शानदार फीचर्स, ग्रुप में दे सकेंगे प्रायवेट रिप्लाई

Whatsapp पर आ रहे हैं 6 शानदार फीचर्स, ग्रुप में दे सकेंगे प्रायवेट रिप्लाई

Whatsapp पर आ रहे हैं 6 शानदार फीचर्स, ग्रुप में दे सकेंगे प्रायवेट रिप्लाई

पॉपुलर इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सएप लगातार अपने फीचर्स अपडेट कर रहा है। हाल ही में वॉट्सएप पर नया फीचर आया था, जिसमें मैसेज सेंड करने के बाद भी डिलीट किया जा सकता है। अब एक बार फिर फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप पर एंड्राइड, iOS, विंडोज फोन और वेब प्लेटफार्म के लिए 6 शानदार फीचर्स लाने की 

तैयारी है। इन फीचर्स में ग्रुप में प्रायवेट रिप्लाई से लेकर ग्रुप डिलीट करने से रोकने का अधिकार तक शामिल है। फिलहाल ये फीचर्स बीटा वर्जन पर है और इनकी टेस्टिंग की जा रही है। आइए जानते हैं इन फीचर्स के बारे में।

प्राइवेट रिप्लाइ फीचर : प्राइवेट रिप्लाइ फीचर में यूजर्स ग्रुप मैसेज में बात करते हुए भी प्राइवेट रिप्लाई कर सकेंगे। ये रिप्लाई हर यूजर को दिखाई नहीं देगा और सिर्फ उस यूजर को दिखेगा, जिसे रिप्लाई किया गया होगा।

पिक्चर-इन-पिक्चर फीचर : वॉट्सएप का ये फीचर मल्टी टास्किंग को आसान करने के लिए बनाया गया है। इस फीचर में वीडियो कॉल के दौरान ऐप में एक नया आइकन दिखेगा। इस आइकन पर टैप करने पर पिक्चर-इन-पिक्चर मोड शुरू हो जाएगा, जिसमें यूजर्स वीडियो विंडो के साइज को बदल सकेंगे और अपने हिसाब से वीडियो को मैक्सिमाइज कर सकते हैं।

अनब्लॉक फीचर : इस फीचर में यूजर्स किसी भी कॉन्टेक्ट को अनब्लॉक कर सकते हैं और मैसेज सेंड कर सकते हैं।

न्यू इनवाइट फीचर : अब वॉट्सएप पर लिंक के जरिए ग्रुप में नए यूजर्स को शामिल किया जा सकेगा। इस फीचर में ग्रुप का एडमिल नए यूजर्स को ग्रुप में शामिल होने के लिए डायरेक्ट लिंक भेज सकेगा। बता दें कि लिंक फीचर iOS ऐप पर पहले से ही उपलब्ध है और टेस्टिंग के बाद इसे जल्द ही एंड्राइड यूजर्स के लिए जारी किया जाएगा।

रिपोर्ट फीचर : वॉट्सएप पर किसी भी तरह की प्रॉब्लम आने पर आपको अपने फोन को शेक करना होगा, जिसके बाद कॉन्टेक्ट अस में यूजर्स अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे।

एडमिन पावर फीचर :  इस फीचर में एडमिन किसी भी यूजर को ग्रुप डिलीट करने से रोकने की पावर देता है। इस फीचर के चलते ग्रुप को डिलीट नहीं किया जा सकेगा। फिलहाल इन सभी फीचर्स की टेस्टिंग चल रही है और अभी ये बीटा वर्जन पर उपलब्ध हैं। इन फीचर्स को जल्द ही सभी यूजर्स के लिए पेश किया जाएगा।

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बच्चों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव जिंदगी भर बन सकते हैं परेशानी के सबब : यूनिसेफ

 यूनिसेफ की नई रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 1.7 करोड़ बच्चे उन क्षेत्रों में रहते हैं, जहां वायु प्रदूषण अंतरराष्ट्रीय सीमा से छह गुना अधिक होता है, जो संभावित रूप से उनके मस्तिष्क के विकास के लिए खतरनाक है क्योंकि वे एक ऐसी हवा में सांस लेते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इन बच्चों में अधिकांश संख्या दक्षिण एशिया में है। दक्षिण एशिया में 12 लाख से अधिक बच्चे इससे पीड़ित हैं। सबसे दुखद यह है कि प्रदूषण से उन्हें जीवनभर के लिए स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

कई अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण श्वास संबंधी कई रोगों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है, जिनमें निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा प्रमुख हैं। यह बच्चों की रोगों से लड़ने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।

वायु प्रदूषण फेफड़े और मस्तिष्क के विकास और संज्ञानात्मक विकास को भी प्रभावित कर सकता है। अगर इलाज नहीं करवाया जाए तो वायु प्रदूषण से संबंधित कुछ स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं पूरी जिंदगी बनी रह सकती हैं।

बीते दौर में विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि कैसे वायु प्रदूषण बच्चों में फेफड़ों की कार्यक्षमता और मस्तिष्क के विकास को बाधित कर रहा है। अंदर ली गई सांस की मात्रा सक्रियता के स्तर के अनुसार विविधिता लिए होती है और कोई गतिविधि करने, खेलते हुए या व्यायाम करते हुए बच्चे नींद में होने या आराम करते हुए समय के मुकाबले काफी अधिक सांस लेते हैं। सांस लेने के व्यवहार में यह अंतर भी कणों के मामलों में बच्चों का जोखिम बढ़ा सकता है। फेफड़े और बच्चों के मस्तिष्क साफ हवा के साथ बहुत बेहतर ढंग से विकसित हो सकते हैं।

बच्चों पर वायु प्रदूषण के प्रभावों के बारे में बोलते हुए ब्लूएयर के पश्चिम और दक्षिण एशिया क्षेत्र के निदेशक गिरीश बापट ने कहा, “वयस्कों की तुलना में बच्चे वायु प्रदूषण के आसानी से शिकार बन रहे हैं। वे अपने विकासशील फेफड़ों और इम्यून सिस्टम के चलते हवा में मौजूद विषैले तत्वों को सांस से अपने अंदर ले रहे हैं और अधिक जोखिम का शिकार बन रहे हैं। कुछ बच्चे दूसरों की तुलना में अधिक संवेदनशील होते हैं और ऐसे में वे अधिक जोखिम में हैं।”

फेफड़े की पुरानी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति, विशेष रूप से अस्थमा पीड़ित ऐसे हालात में संभावित रूप से अधिक जोखिम में होते हैं।

निओनाटोलॉजिस्ट एवं पीडियाट्रिशयन और गुरुग्राम के मैक्स और फोर्टिस अस्पताल की विजिटिंग कंसल्टेंट डॉ. शगुना सी महाजन ने बताया, “बच्चों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव वयस्कों पर पड़ने वाले प्रभाव से अधिक हैं, क्योंकि बच्चों का शरीर विकसित हो रहा होता है और बच्चों के फेफड़े अभी पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों पर प्रदूषण का प्रभाव तीव्र हैं और उनके शरीर पर दीर्घकालिक प्रभाव के चलते कई स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती हैं। अब बच्चे बहुत कम उम्र में कई तरह की एलर्जी से ग्रस्त हो रहे हैं और उन्हें अपने जीवन के बाकी हिस्सों में भी इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।”

कणों के स्तर (पीएम) 2.5 पर होने से गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव सामने आ सकते हैं जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, क्रोनिक सांस के रोगों विभिन्न लक्षण, श्वास लेने में तकलीफ, श्वास लेते समय दर्द होना और कई मामलों में अचानक मौत भी हो जाती हैं क्योंकि विषैले तत्व फेफड़ों में जमा हो जाते हैं।

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Monday, December 11, 2017

दमदार फीचर्स के साथ भारत में लॉन्च हुआ यह स्मार्टफोन मात्र 5,999 रुपये में

साथियों जिस तरह से आप सब को मालूम होगा। आये दिनों स्मार्टफोन्स मेकर कम्पनीज बढिया से बढिया स्पेशिफिकेशंस वाले कम कीमत के हैंडसेट स्मार्टफोन इंडियन मार्केट में लॉन्च कर रहे हैं। आप सब को और बता दे कि कुछ समय पहले ही में चाइना की स्मार्टफोन मेकर कंपनी शाओमी ने एक बेहतरीन मोबाइल Redmi 5A को उतार दिया है। इनकी प्राइस केवल ₹5999 रुपये रखी गयी है।

इस मोबाइल की साइज 5.5inches की FULL HD Display मौजूद है। इस फोन के पीछे की तरफ आपको लगभग 3080एमएएच की बैट्री भी उपलब्ध करवाई गई है। यह मोबाइल तकरीबन 4G LTE फीचर मिलेगा। इसके अतिरिक्त Fingerprint भी पीछे की तरफ कैमरे के नीचे मिल जायेगा। फ्रैंड्स इस मोबाइल में आपको 3 जीबी RAM से आप का स्मार्टफोन स्मूथलि चलता है। इसके अतिरिक्त 32 जीबी इंटरनल स्टोरेज मौजूद जो आपको कई तरह का डाटा संयोजन करता है। इस मोबाइल में फोटोग्राफी के लिए तकरीबन 13MP का रियर कैमरा तथा सेल्फी के लिए 5MP का सामने की फ्रंट कैमरा दिया गया है। यह स्मार्टफोन में Android Version 7.0 नौगट पर चलता है।

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