अगर आप एक स्मार्टफोन यूज़र है तो निसंदेह आप अपने डेटा को संरक्षित रखने के लिए मेमोरी कार्ड का उपयोग जरुर करते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में आज 60% से अधिक नकली मेमोरी कार्ड मौजूद है।
नकली मेमोरी कार्ड के प्रयोग से सिर्फ आपके डेटा के खुद-ब-खुद डिलीट होने का खतरा ही नहीं रहता बल्कि इससे आपके मोबाइल की प्रोसेसिंग भी धीमी पड़ जाती है और कई बार आपका मोबाइल बार बार हैंग भी करने लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज भी ऐसे बहुत से तरीके मौजूद है जिनका इस्तेमाल करें हम असली और नकली मेमोरी कार्ड की पहचान कर सकते हैं।
खुली मेमोरी कार्ड
नकली मेमोरी कार्ड से बचने का सबसे बेहतरीन तरीका यह है कि आप बाजार से कभी भी खुली हुई मेमोरी कार्ड न खरीदें। आज बाजार में 70 फीसद से ज्यादा बगैर पैक्ड मेमोरी कार्ड बिकती है जोकि लगभग नकली होती हैं। क्योंकि तोशिबा, सैनडिस्क और सैमसंग जैसी कम्पनियां अपने सभी असली कार्ड पैकिंग में बेचती हैं।
स्टोरेज क्षमता
नकली मेमोरी कार्ड की सबसे बड़ी पहचान यह है कि उसमें बताई गई क्षमता से कम डाटा स्टोर होता है। यानी मेमोरी अगर 16GB है तो उसमें 12GB डाटा ही स्टोर करने की क्षमता होती है। बाजार में ऐसे बहुत से सॉफ्टवेयर मौजूद हैं जिनका प्रयोग कर मेमोरी कार्ड में छेड़छाड़ की जाती है जिससे मेमोरी कार्ड तो 16GB शो होता है लेकिन उसमें डाटा को स्टोर करने की क्षमता मात्र दस 12 GB ही होती है।
मेमोरी का प्रिंट
नकली मेमोरी कार्ड को पहचानने में यह तरीका भी काफी कारगर साबित होता है। असली मेमोरी कार्ड पर लिखा हुआ ब्रांड नेम बिल्कुल साफ और क्लियर प्रिंटेड होता है जबकि नकली मेमोरी कार्ड में या थोड़ा भद्दा सा नजर आता है। इसलिए अगली बार जब मेमोरी कार्ड खरीदें तो इन सब बातों को जहन में जरूर रखें।